हड़ताल

हड़ताल पर बैठे एम्स के ठेका कर्मचारी, प्रबंधन पर लगाया यह आरोप…

रायपुर (वीएनएस): अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, यानी एम्स में ठेका कर्मचारियों ने एक बार फिर से हंगामा शुरू कर दिया है। इन कर्मचारियों ने काम करना छोड़ हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इस कारण अस्पताल की व्यवस्था में बड़ी असुविधा हो रही है। एम्स में काम करने वाले 500 ठेका कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए हैं। इन कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी कारण के नौकरी से बाहर कर दिया जा रहा है, जबकि वे 10-10 साल से आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से काम कर रहे हैं।

पिछले दिनों की घटना:

पिछले दिनों एम्स ने आउटसोर्सिंग के खिलाफ रेग्युलर कर्मियों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी और इसके साथ ही संविदा सेवा को समाप्त करने का संकेत दिया था। इस फैसले से संविदा कर्मियों का भविष्य उदास हो गया था, जो यहाँ काम कर रहे थे। उन्होंने इस निर्णय का विरोध भी किया था। इसके बाद कई कर्मियों ने एम्स निदेशक से बातचीत की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिलने पर वे हड़ताल का फैसला लेने को मजबूर हो गए हैं।

कर्मचारियों का कहना:

कर्मचारियों ने बताया कि एम्स रायपुर द्वारा आयोजित मिशन रिकूटमेंट के अंतर्गत जिन पदों पर वाणिज्यिक आउटसोर्सिंग कर्मचारी काम कर रहे हैं, वही पद रेग्युलर कर्मचारियों के लिए खोले जा रहे हैं। इन कर्मचारियों का यह आरोप है कि उनकी सेवाएं नजरअंदाज की जा रही हैं और उन्हें बेरोजगार कर दिया जा रहा है।

हड़ताल का प्रभाव:

इन कर्मचारियों की हड़ताल के कारण ओपीडी और आईपीडी की सेवाएं ठप हो गई हैं, जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। अस्पताल के कई विभागों में काम करने वाले कर्मचारी हड़ताल में जुटे हैं, जिससे अस्पताल की सामग्री और सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

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